शुक्रवार, 15 अप्रैल 2016

निद्रा नयन संवाद










निद्रा नयनों से बोल रही
पलकों का तुम परिधान पहन
आवो देखन को स्वप्नलोक
से आवेंगे सम्राट सुपन।

पलकों का तुम परिधान नहीं
पहनोगी तो वो अनचाहे
लौटेंगे अपने स्वप्नलोक
तुम उदासीन होती काहे।

यदि नहीं आपको पलकों का
परिधान पहनना आता है
अप्सरा सुरा से पूछो तब
जिसका चषकों से नाता है।

परिधान पलक ऐसे पहनो
पुतली मुख दिखता रहे तनिक
या लज्जा अवगुंठन करके
तुम रहो, लगे लावण्य अधिक।

उन्माद मरण से चोरी से
तुमने पहना यदि पलक वसन
चिर शयन अवस्था में करके
लूटेगा तन का ब्रह्म-रतन।



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