स्वर के तीन भेद हैं :
१] हृस्व : अ इ उ ऋ — चिह्नित करते हैं I से
२] दीर्घ : आ ई ऊ ए ऐ ओ औ — चिह्नित करते हैं S से
३] प्लुत : ओ३म — चिह्नित करते हैं ३ से
व्यंजन :
१] क वर्ग = क ख ग घ (गं)
२] च वर्ग = च छ ज झ (यं)
३] ट वर्ग = ट ठ ड ढ (ण)
४] त वर्ग = त ठ द ध (न)
५] प वर्ग = प फ ब भ (म)
इनके अलावा ..... य र ल व् श ष स ह
...... उपर्युक्त व्यंजन हृस्व माने जाते हैं.
कुछ व्यंजन : शृ हृ म्ह आदि लघु माने जाते हैं.
तो कुछ व्यंजन दीर्घ माने जाते हैं यथा : ह्म म्ह
'म्ह' कभी लघु माना जाता है तो कभी गुरु. यह अपवाद है.
सभी संयुक्त व्यंजन गुरु चिह्न से अभिहित किये जायेंगे.
संयुक्त व्यंजन : क्ष त्र ज्ञ श्र
ध्यान रखें : संयुक्त व्यंजन के पूर्व वाला व्यंजन गुरु हो जाता है.
जिसका आरम्भ ही संयुक्त से हो तो वह गुरु ही रहता है. यथा : प्र से प्रकाश – SSI
[लेकिन होता यह आभासी गुरु है.]
गुरु = S = 2 मात्रा
गुरु = S = 2 मात्रा
लघु = I = 1 मात्रा
जैसे : बुद्धि = बुद+ धि = S + I = 3 मात्राएँ
अब छंद ज्ञान अपनी जटिलता समाप्त करके रहेगा.
इसलिये पाठशाला में एक खेल शुरू कर रहा हूँ :
खेल का नाम है "कौन-सा नाम कौन से घर में"
आठ घर {गण} हैं. चार शुभ घर हैं चार अशुभ घर हैं
आपको ब्लॉग जगत के ब्लोगरों के नाम पकड़-पकड़ कर घरों में बैठाने हैं.
म गण = मातारा = SSS = [दिव्या श्रीवास्तव / संगीता स्वरूप ..... ]
न गण = नसल = III = [अमित/ अजित/ सुमन/ ....... ]
भ गण = भानस = SII = [प्रतुल/ सञ्जय/ पंकज/ दीपक .... ]
य गण = यमाता = ISS = [?] कोई दो नाम सुझाइए :
स गण = सलगा = IIS = [अविनाश/ हरदीप .....]
त गण = ताराज = SSI = [?] कोई दो नाम सुझाइए :
र गण = राजभा = SIS = [हंसराज/ .....]
ज गण = जभान = ISI = [समीर/ सतीश .....]
यदि आपके जान-पहचान के नाम किसी घर में रहने के इच्छुक हों तो अवश्य उन्हें घर दिलवाइये.