तुम एक बार फिर से आवो
कह दूँगा सब मैं झिझक खोल
अटके जिह्वा पर शब्द कई
फूला जाता मेरा कपोल.
संकोच नहीं कहने देता
लक्ष्मी, तुमसे दो मधुर बोल.
ओ चारु देवि! करते कर्षित
विस्फारित लोचन श्याम लोल.
मन सुखी नहीं रहने देता
ओ सुन गणेश ग..ग गोल-गोल.
उपचार कोई-सा बतला दो
बढ़ जाय आपसे मेलजोल.