सोम-शनि है प्राची प्रतिकूल
दिवस रवि का उसके अनुकूल.
प्रतीची में मंगल-बुध जाव
शुक्र-रवि में होवें दिकशूल.
उदीची में बुध-मंगल भार
शुक्र शुभ होता शुभ गुरुवार.
अवाची को जाना शनि-सोम
गुरु को चलना शकुन-विलोम.
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उदीची - उत्तर दिशा
अवाची - दक्षिण दिशा
प्राची - पूर्व दिशा
प्रतीची - पश्चिम दिशा
मैं इस कविता को देना नहीं चाहता था.... क्योंकि अब मैं इस विचारधारा से बिलकुल सहमत नहीं हूँ कि 'दिकशूल' जैसा कुछ होता है.... ये कोरा अंधविश्वास है... जब ये रचना बनायी थी. तब मैं दिकशूल से बहुत प्रभावित रहता था.