शुक्रवार, 16 फ़रवरी 2018

कूड़ाघर

गैया जातीं कूड़ाघर
रोटी खातीं हैं घर-घर
बीच रास्ते सुस्तातीं
नहीं किसी की रहे खबर।

यही हाल है नगर-नगर
कुत्तों की भी यही डगर
बोरा लादे कुछ बच्चे
बू का जिनपर नहीं असर!

छोड़ा था जो थाली में
नहीं गया जो नाली में
भूखा जिसकी लालच में
नहीं छोड़ता कोर कसर।

जो हमने कागज़ फाड़े
डस्टबीन बिस्तर झाड़े
किया इकट्ठा पिछवाड़े
खत्म हुआ उपयोग सफर।

'क' से होता कूड़ाघर
'ख' से सबकी रखो खबर
'ग' से गैया गोबर कर
'घ' से घूमो जा घर-घर।

मंगलवार, 6 फ़रवरी 2018

धुंध गान

धुंध धुंध धुंध, कोहरा कोहरा कोहरा॥
किसने बिखेरा इसे किसने है छोड़ा।
धुंध इकट्ठी करो, लेकर आओ बोरा।
ठंड के कंडों का बना लो बिटोरा।
धुंध धुंध धुंध, कोहरा कोहरा कोहरा॥
चाय के संग आया दूध का कटोरा।
बेटी ने रस लिया पापा ने पकोड़ा।
मम्मी ने ब्लैक टी में नींबू निचोड़ा।
धुंध धुंध धुंध, कोहरा कोहरा कोहरा॥
आग का धुँआ है या बादल-भगोड़ा।
सामने आ जाए तो दिखता है थोड़ा।
सूरज जी आकर इसे मारो धूप-कोड़ा।
 धुंध धुंध धुंध, कोहरा कोहरा कोहरा।।


(ये बालगीत बेटी भव्या के साथ मिलकर पूरा हुआ। कुछ दिन पहले जो धुंध छायी थी, उसे देखकर ही इस गीत की धुन पैदा हुई।)

शनिवार, 3 फ़रवरी 2018

बसंत आगमन



लाया बसंत श्री का उभार
खोले है खड़ी पंचमी द्वार।

फल-फूल रही द्रुम डाल-डाल
दिखते पीले पिंगल औ' लाल
छिप खड़ा छोड़ता मदन-बाण
यौवन हो जाता है निहाल।
कर रही आज प्रकृति शृंगार।

सरसों फूली ले पीत रंग
कर रहा भ्रमर फूलों को तंग
आनंद किवा है पागलपन
जा रहा उछल करके कुरंग।
कर रही आज प्रकृति शृंगार।

शश छिपा झाड़ि शशि मेघ ओट
कर रहा तुरग पथरज में लोट
परिरंभ मधुर ले शीत भरा
आनंद करे यौवन की खोट।
कर रही आज प्रकृति शृंगार। 
लाया बसंत श्री का उभार
खोले है खड़ी पंचमी द्वार।

गुरुवार, 1 फ़रवरी 2018

लल्ला का हाजमा


काऊ ने बिगाड़ो मेरो लल्ला का हाजमा।
गैया बोली – जा ने पीयो थैली का दुद्दू।
जाई कारन होय गयो थोरो थोरो बुद्धू।

काऊ ने बिगाड़ो मेरो लल्ला का हाजमा।
बाबा बोले – जा ने खायी मैदा की रोटी।
जाई कारन, है ना रई चार दिन सै पोटी।

काऊ ने बिगाड़ो मेरो लल्ला का हाजमा।
दादी बोली – हर समय रखती हो गोद में।
काई बकत खेलन देओ, छोड़ देओ हौद में।

काऊ ने बिगाड़ो मेरो लल्ला का हाजमा।
डाक्टर की राय लगी सबसे ही प्यारी।
पाँच सौ रुपैयन में पकड़ लई बीमारी।
इन्फ़ैक्शन ने बिगाड़ो मेरो लल्ला का हाजमा।
भू-जल ने बिगाड़ो मेरो लल्ला का हाजमा।