शनिवार, 14 मई 2011

सुख की बेटी

दसन-वसन फैला करके 
शयन कर रही थी लेटी. 
शरमा बैठी जब वसन हटे
तन-दंत दिखे कटि की पेटी. 

कर घेर छिपाने को आईं 
दिहली पर खड़ी हुईं चेटी. 
नवसू कहलायेगी जल्दी
होरिल जनकर सुख की बेटी. 

रतनार कपोल भये उसके 
हेरम्ब-कथन निकला कपटी. 
हैं दीप-नयन जलते उसके
रीझेगा फिर से आस बँधी. 
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दसन-वसन — दाँतों के कपड़े 
तन-दंत — शरीर रूपी दाँत 
कटि की पेटी — दाँतों की कमर की पेटी अर्थात मसूडे. 
दिहली —  दहलीज
दिहली पर खड़ी हुईं चेटी से तात्पर्य ... मुख पर खड़ी हुई दासियाँ अर्थात मुस्कुराने से कपोलों पर पड़ी रेखाएँ.
नवसू — नवप्रसूता, 'हँसने वाली' से तात्पर्य  
होरिल — नवजात शिशु, 'हँसी' से तात्पर्य 
सुख की बेटी — मुस्कान
हेरम्ब-कथन — धीरोद्धत नायक की भाँति धोखेबाजी, चपलता और लम्पटता गुणों से युक्त कथन [जो मुस्कान को गर्भवती कर छिपकर भाग गया]