tag:blogger.com,1999:blog-7213487349598555645.post8358542837019381391..comments2023-11-03T19:09:37.429+05:30Comments on ॥ दर्शन-प्राशन ॥: मेरा विरागप्रतुल वशिष्ठhttp://www.blogger.com/profile/00219952087110106400noreply@blogger.comBlogger14125tag:blogger.com,1999:blog-7213487349598555645.post-59541491050614436602012-06-02T18:21:28.352+05:302012-06-02T18:21:28.352+05:30@ आशा जी,
आपने मेरे विराग की ठीक-ठीक समीक्षा करके...@ आशा जी, <br />आपने मेरे विराग की ठीक-ठीक समीक्षा करके मुझे निराश होने से बचाया... आभारी हूँ.प्रतुल वशिष्ठhttps://www.blogger.com/profile/00219952087110106400noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7213487349598555645.post-59436562345989254722012-06-02T18:21:11.923+05:302012-06-02T18:21:11.923+05:30@ डॉ. जेन्नी जी,
आपके प्रथम आगमन पर अभिभूत हूँ. ...@ डॉ. जेन्नी जी, <br /><br />आपके प्रथम आगमन पर अभिभूत हूँ. शायद आपने 'मेरे विराग' को समझ लिया हो.प्रतुल वशिष्ठhttps://www.blogger.com/profile/00219952087110106400noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7213487349598555645.post-3904740613118808692012-06-02T18:20:55.135+05:302012-06-02T18:20:55.135+05:30@ दिव्या जी,
आपका दिखना शुभ संकेत.
द्रवित होता ...@ दिव्या जी, <br /><br />आपका दिखना शुभ संकेत.<br /><br />द्रवित होता विरक्त मन रेत.प्रतुल वशिष्ठhttps://www.blogger.com/profile/00219952087110106400noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7213487349598555645.post-80868444640498938812012-06-02T18:07:24.476+05:302012-06-02T18:07:24.476+05:30@ नीरज जी,
बड़े परीक्षक काम की अधिकता में बहुत ज...@ नीरज जी, <br /><br />बड़े परीक्षक काम की अधिकता में बहुत जल्दी-जल्दी कोपी जाँचते हैं. <br /><br />और बड़े समीक्षक प्रायः बहुत कम बार उपस्थित होकर अपनी वरिष्ठता महसूस कराते हैं. :)प्रतुल वशिष्ठhttps://www.blogger.com/profile/00219952087110106400noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7213487349598555645.post-11833816444482039462012-06-02T18:06:53.674+05:302012-06-02T18:06:53.674+05:30@ कौशलेन्द्र जी,
असल असल होता है और फ्लेवर फ्लेवर...@ कौशलेन्द्र जी, <br />असल असल होता है और फ्लेवर फ्लेवर समझता हूँ ...... आपने पंत जी की गरिमा बनाए रखी. <br /><br />पर हाय! मेरे विराग को वियोगी कवि पंत से कमतर क्यों आँका? क्या विवाहित व्यक्ति का विराग अविश्वसनीय होता है?प्रतुल वशिष्ठhttps://www.blogger.com/profile/00219952087110106400noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7213487349598555645.post-11836291340307217192012-06-02T18:06:28.918+05:302012-06-02T18:06:28.918+05:30@ रमाकांत जी,
आपने मेरी ही पंक्तियों को दोहरा दिय...@ रमाकांत जी, <br />आपने मेरी ही पंक्तियों को दोहरा दिया... <br />हाय! मम 'मनोरमा कांता' कहीं विरागी हृदय को खोजने में भ्रमित न हो जाये.प्रतुल वशिष्ठhttps://www.blogger.com/profile/00219952087110106400noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7213487349598555645.post-62835281273733048832012-06-02T18:05:49.513+05:302012-06-02T18:05:49.513+05:30@ रविकर जी,
मेरे विराग को आपने 'चर्चा का मंच&...@ रविकर जी, <br />मेरे विराग को आपने 'चर्चा का मंच' नहीं दिया... केवल 'आभार' का पञ्च दिया. <br />हाय! विराग प्रकाशित होने से वंचित रह गया.प्रतुल वशिष्ठhttps://www.blogger.com/profile/00219952087110106400noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7213487349598555645.post-68160443084265639932012-05-24T21:55:23.732+05:302012-05-24T21:55:23.732+05:30ममता माया मोह मध्य धार
में डूबेगी होकर विकार
लाएग...ममता माया मोह मध्य धार <br />में डूबेगी होकर विकार<br />लाएगा सिन्धु जब भी ज्वार <br />ला देगा उनको फिर उभार.<br />नव रूप समन्वित होकर वे<br />धारेंगे सर पर अरुण पाग. <br />अपना अस्तित्व मिटाकर वे<br />बन जायेंगे मेरा विराग. ____<br /><br />वाह प्रतुल जी बहुत सुंदर नये रूप में विकार भी विराग बन जायेंगे ।Asha Joglekarhttps://www.blogger.com/profile/05351082141819705264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7213487349598555645.post-60768858645301887062012-05-23T21:24:07.344+05:302012-05-23T21:24:07.344+05:30सुन्दर प्रस्तुति, शुभकामनाएँ.सुन्दर प्रस्तुति, शुभकामनाएँ.डॉ. जेन्नी शबनमhttps://www.blogger.com/profile/11843520274673861886noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7213487349598555645.post-82349106993674013462012-05-23T09:37:33.673+05:302012-05-23T09:37:33.673+05:30Beautiful creation.Beautiful creation.ZEALhttps://www.blogger.com/profile/04046257625059781313noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7213487349598555645.post-91882445059865017502012-05-22T15:58:35.652+05:302012-05-22T15:58:35.652+05:30KYA KAHUN...??? KMAAL KAR DIYA IN PANKTIYON MEN......KYA KAHUN...??? KMAAL KAR DIYA IN PANKTIYON MEN...<br /><br />NEERAJनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7213487349598555645.post-52287019474460317412012-05-21T22:30:14.506+05:302012-05-21T22:30:14.506+05:30पंत जी के फ़्लेवर से सुवासित ....पंत जी के फ़्लेवर से सुवासित ....बस्तर की अभिव्यक्ति जैसे कोई झरनाhttps://www.blogger.com/profile/11751508655295186269noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7213487349598555645.post-9091242308733889112012-05-21T19:51:57.583+05:302012-05-21T19:51:57.583+05:30नव रूप समन्वित होकर वे
धारेंगे सर पर अरुण पाग.
अपन...नव रूप समन्वित होकर वे<br />धारेंगे सर पर अरुण पाग.<br />अपना अस्तित्व मिटाकर वे<br />बन जायेंगे मेरा विराग.<br /><br />सुन्दर प्रस्तुति |Ramakant Singhhttps://www.blogger.com/profile/06645825622839882435noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7213487349598555645.post-15767196908080191082012-05-21T17:11:30.773+05:302012-05-21T17:11:30.773+05:30सुन्दर प्रस्तुति |
आभार ||सुन्दर प्रस्तुति |<br />आभार ||रविकर https://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.com