tag:blogger.com,1999:blog-7213487349598555645.post2758529004833614802..comments2023-11-03T19:09:37.429+05:30Comments on ॥ दर्शन-प्राशन ॥: पशुविहीन संसारप्रतुल वशिष्ठhttp://www.blogger.com/profile/00219952087110106400noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-7213487349598555645.post-22564335180554513012016-10-01T17:04:56.305+05:302016-10-01T17:04:56.305+05:30आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि- आपकी इस प्र...आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि- आपकी इस प्रविष्टि के लिंक की चर्चा कल शुक्रवार (01-10-2016) के चर्चा मंच <a href="http://charchamanch.blogspot.com/" rel="nofollow"> "कुछ बातें आज के हालात पर" (चर्चा अंक-2483) </a> पर भी होगी!<br />महात्मा गान्धी और पं. लालबहादुर शास्त्री की जयन्ती की बधायी। <br />साथ ही शारदेय नवरात्रों की हार्दिक शुभकामनाएँ।<br />डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7213487349598555645.post-21302659989093805252016-10-01T15:10:08.001+05:302016-10-01T15:10:08.001+05:30कोई कमी नहीं जी... पशुता में मनुष्यता की और चल कर ...कोई कमी नहीं जी... पशुता में मनुष्यता की और चल कर ही उत्थान,विकास हो सकता है अन्यथा तो पतन ही है!kunwarji'shttps://www.blogger.com/profile/03572872489845150206noreply@blogger.com